Scholarship to meritorious students.
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Inspirational Quote
Be a student as long as you still have something to learn, and this will mean all your life.
- Henry L. Doherty
प्रधानाचार्य की कलम से...
किसी समाज या राष्ट्र की तरक्की का रास्ता विद्यालय से ही होकर गुजरता है| वर्तमान युग ज्ञान का युग है ऐसी में शिक्षा की समुचित व्यस्था एक बुनियादी जरुरत है| शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार का दर्जा दिया जाना यह संकेत है की अब इस देश में कोइ व्यक्ति बिना ज्ञान के अपने अस्तित्व को बचा नहीं सकता|
बड़ी जनसँख्या के इस देश में हर नागरिक को गुणवत्तापरख शिक्षा उपलब्ध करा पाना एक बहुत बड़ी चुनौती है, विशेषकर ऐसे माहौल में जक शिक्षा का व्यसयीकरण जोरों पर है| जनपद गाजीपुर में यद्यपि माध्यमिक शिक्षा के कई केंद्र चल रहें है लेकिन C.B.S.E. और I.C.S.E. द्वारा संचालित संसथान केवल आर्थिक रूप से संपन्न लोगों तक ही सीमित है| उ०प्र० माध्यमिक शिक्षा परिषद् (जहाँ निर्धन सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश छात्र अपने ज्ञान की प्यास बुझाते है) द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालयों में निरंतर शैक्षिक गिरावट एक चिंता का विषय है| वर्तमान में जब शिक्षा का निजीकरण, व्यवसायीकरण व अर्थ प्रधान शिक्षा चरम पर है, तो प्रबंधतंत्र, शिक्षातंत्र व सरकारीतंत्र, तीनो में नैतिकता का ह्रास अंतिम सीमा तक हुआ है| अभिभावक भी अपना दायित्य विद्यालय पर थोपकर चैन की नींद सोना चाहते है| विद्यार्थी का बहरी चकाचौंध, मॉल, मोबाइल, टीवी,इन्टरनेट, लैपटॉप की दुनिया को छोड़कर शिक्षण कक्ष में लकड़ी की बेंच पर बैठना अपमान समझ रहे है|
अधिकांश शिक्षणतर संस्था प्रधान, शिक्षक, शिक्षनेतर कर्मचारियों के कार्यकुशलता में भी बड़ी गिरावट आयी है| सरकारी तंत्र भी ठीक से कार्य करना नहीं चाहते तथा देश के अधिकांश नागरिक भी अपने मौलिक अधिकारों के प्रति निष्क्रिय हैं| ऐसे में कैसे होगा अच्छे समाज व राष्ट्र का निर्माण? इस प्रश्न का उत्तर केवल विद्यालयों में (जहाँ आज भी देश की अधिकांश सामान्य शिक्षार्थी अध्यनरत है) समस्याओं के बीच अवसर तलाश कर सकारात्मक सोच के साथ शिक्षा की गुणवत्ता में सुधर ही एक मात्र विकल्प है| इसी विचार को लेकर कुंवर अन्तर कॉलेज, नरवर, गाजीपुर में शैक्षिक गुणवत्ता में सुधर लाने का सफल प्रयास जारी है तथा भविष्य में इस विद्यालय को आधुनिक सुविधा संपन्न (स्मार्ट क्लासेज, प्रोजेक्टर, डाउट क्लासेज आदि ) बनाकर प्रदेश में एक ऐसे माडल के रूप में पेश करना है जिससे यह सिद्ध हो सके की यदि विद्यालय परिवार संकल्पित हो सही दिशा में दृढ इक्षाशक्ति के साथ कार्य करे तो किसी भी विद्यालय को व्यासायिक विद्यालयों से बेहतर बनाया जा सकता है|
कुंवर अन्तर कॉलेज, नरवर, गाजीपुर तहसील के मरदह विकास खंड में स्थित शासन द्वारा मान्यता प्राप्त प्राइवेट संस्था है, जिसकी स्थापना १९९९ में की गयी है| विद्यालय को हाई स्कूल की मान्यता वर्ष २००३ में व वर्ष २००७ में कला वर्ग व इन्टर विज्ञानं वर्ग की मान्यता प्राप्त हुई| विद्यालय में भौतिकी, रसायन, जीव विज्ञानं तथा कंप्यूटर की सुसज्जित प्रयोगशाला के साथ लगभग हजारों पुस्तकों की लाईब्रेरी भी है| विद्यालय परिसर का वातावरण स्वच्छ एवं सुन्दर है| कुल २५ कक्षों में पंखे १ सेट जनरेटर, साफ़ पानी की व्यस्था के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, योग्य एवं परिश्रमी अध्यापकों के माध्यम से दी जाती है| शासन द्वारा निर्धारित फीस व न्यूनतम शिक्षण शुल्क ली जाती है| विद्यालय में वे सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं जिसके नाम पर पब्लिक स्कूल में आर्थिक शोषण होता है| विद्यालय की प्रबंध समिति का संकल्प है की विद्यालय को जनपद का एक ऐसा शिक्षा केंद्र बनाया जाय जहाँ से गरीब व अभावग्रस्त छात्रों के समुचित व्यक्तित्व का विकास हो सके| समाज में महिलाओं का शोषण एवं उनकी दयनीय स्थिति में सुधर के लिए भी स्तरीय शिक्षा की व्यस्था करना आवश्यक है| विस्यालय परिवार ने अन्तर कला वर्ग तथा विज्ञानं वर्ग एवं हाई स्कूल में निर्धन व असहाय बालिकाओं का प्रवेश निःशुल्क करने का भी संकल्प लिया है|
विस्यालय के पुस्तकालय से छात्र-छात्राओं को एन निश्चित नियमानुसार पाठ्य पुस्तकें घर लाकर पढने के लिए भी प्रदान की जाटी हैं| विद्यालय के क्रीडांगन में योग एवं खेल-कूद शारीरिक शिक्षा का उत्तम प्रबंध किया गया है|
ज्ञान की सार्थकता तभी है, जब वह आचरण में आए|